यहाँ हम आपको कुछ भारतीय अन्धविश्वासों के पीछे के लॉजिक को कुछ प्रचलित अंधविश्वासों का उदाहरण ले के समझाने का प्रयास करेंगे।
ग्रहण के समय बहार न आना
अन्धविश्वास – बुरी ताकतें हावी हो जाती हैं।
लॉजिक – ग्रहण के वक्त सूर्य की किरणों से त्वचा के रोग हो सकते हैं। साथ ही नंगी आँखों से उसे देखने से लोग अंधे भी हो सकते हैं।
दरवाजे पर निम्बू मिर्ची लटकाना
अन्धविश्वास – इससे बुरी नज़र और बुरी ताकत दूर रहती है।
लॉजिक – निम्बू मिर्ची में मौजूद साइट्रिक एसिड होता है, जो कीड़े मकोड़े को घर के अंदर आने से रोकता है।
मंदिर में घंटी बजाना
अन्धविश्वास – मंदिर में घंटा बजाने से भगवान खुश होते हैं।
लॉजिक – ज्यादातर मंदिरों में तांबे की घंटी लगी हुई होती है, तांबे को बजाने से निकलने वाली ध्वनि आस पास के सूक्ष्म वैक्टेरिया को मरती है, साथ ही शरीर के सारे केंद्रों एक्टिव कर देती है।
दही खा कर घर से निकलना
अन्धविश्वास – इसे खा कर घर से निकलना शुभ होता है।
लॉजिक – गर्म मौसम के कारण दही खाने से पेट ठंडा रहता है, साथ ही दही में चीनी मिलाकर खाने से शरीर में ग्लूकोज़ की मात्रा बनी रहती है।
बैठ कर खाना खाना
अन्धविश्वास – ज़मीन में बैठ कर खाना नही खाने से आप के पूर्वज नाराज़ हो जाते हैं।
लॉजिक – ज़मीन पर बैठ कर खाना खाने से आप की पाचन क्रिया ज्यादा अच्छा काम करती है और खाना आसानी से पच जाता है।
सांप को मारने के बाद सिर कुचलना
अन्धविश्वास – कहा जाता है कि सांप को मारने वाली की तस्वीर उसकी आँखों में छप जाती है।
लॉजिक – सांप के मरने के बाद भी उसका ज़हर लोगों को मार सकता है इसलिए उसके सर को कुचल कर दबा दिया जाता है।
रात में नाख़ून नहीं काटना
अन्धविश्वास – इसे बुरी किस्मत के साथ जोड़ा जाता है।
लॉजिक – पुराने वक्त में बिजली नहीं होने के कारण रात में नाखून नहीं काटे जाते थे। उस वक्त नाखून काटने के लिए भी औजारों का इस्तेमाल किया जाता था। इससे अँधेरे में उंगलियां कटने का डर बना रहता था।