दो नवयुवक कार से कानपुर ओर की जा रहे थे. गंगापुल पर
इंस्पेक्टर ने रुकने का इशारा किया…
और जब कार रुकी तो इंस्पेक्टर टहलता हुआ ड्राइवर की खिड़की पर गया और शीशा ठकठकाया…!
गाडी चला रहे नवयुवक ने शीशा नीचा करके सर बाहर निकाल कर पूछा-
” क्या बात है इंसपेक्टर…?”
इंस्पेक्टर ने बिना कुछ पूछे एक झापड़ उसके गाल पर रसीद कर दिया…
युवक :- “अरे…मारा क्यों…?”
इंस्पेक्टर :- “जब कानपुर पुलिस का इंस्पेक्टर किसी गाडी को रुकने कहता है तो ड्राइवर को गाड़ी के कागजात अपने हाथ में रखा हुआ होना चाहिए…!”
युवक :- “सॉरी इंसपेक्टर …….मैं पहली बार कानपुर आया हूँ….!”
फिर उसने पेपर्स निकाल कर दिखाये..!
इंस्पेक्टर ने पेपर्स का मुआयना किया फिर बोला –
“ठीक है….रख लो….!”
फिर घूमकर पैसेन्जर सीट की ओर गया और शीशा ठकठकाया…!!
पैसेन्जर सीट पर बैठे दूसरे युवक ने शीशा गिराकर सर बाहर निकाल कर पूछा :-
“हाँ बोलिए….?”
तड़ाक…!
एक झापड़ इंस्पेक्टर ने उसे भी मारा..!
“अरे ….! मैंने क्या किया …?”
इंस्पेक्टर :- “ये तुम्हारी हेकड़ी उतारने के लिए…!”
युवक :- “पर मैंने तो कोई हेकड़ी नहीं दिखाई…?”
इंस्पेक्टर :- “अभी नहीं दिखाई…..पर मैं जानता हूँ….एक किलोमीटर आगे जाने के बाद तुम अपने दोस्त से लफ्फाजी करते
“वो दो कौड़ी का इंसपेक्टर अगर मुझे मारता ….तो बताता….!”
😂😂😂