गर्व से कहो हम मोटे हैं…
क्रिकेट के बाद मोटापा ही एक ऐसी चीज़ हैं जिस पर कोई भी आम भारतीय विशेषज्ञ की तरह राय दे सकता हैं।
दरअसल मोटापा वो तत्व हैं जिसे देखते ही सामने वाले के भीतर बैठा डॉक्टर जाग उठता हैं और तत्काल वो गिरीश चंद्र से रायचंद्र बन जाता हैं।
खुद को भले ही चकुंदर और शलगम में अंतर तक ना पता हो लेकिन आपको खाने पीने की ऐसी ऐसी सलाहें परोसता हैं मानो भाई साब झूलेलाल किराना स्टोर के मालिक नहीं कोई जिम ट्रेनर है…
कभी कभी लगता है बाल गंगाधर तिलक गलत थे जो ‘स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है’ जैसा नारा दे गए…
नारा होना चाहिए था
‘दुसरो के फट्टे में टांग डालना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है’.
माँ द्वारा घी में चुपोड़ी गयी बेहिसाब रोटियां, लल्ला हलवाई के नियमित रूप से समोसे व मसाला आलू, बाज़ार में मिलने वाले एक से एक स्वादिष्ट जंक फ़ूड, रोज़ाना 14 घंटे की प्यारी नींद और ना जाने कितने बेहिसाब परिश्रम के बाद इतनी प्यारी तोंद मिलती है…
इसका सुख वो लोग क्या जाने
जो आज भी 28 कमर वाली जीन्स में ही अटके हुए है।
तोंद हमें मिलती है अपने परिश्रम व लगन के बलबूते पर…
पर इसे देख सामने वाला ऐसे जल उठता है मानो आपने उसके हिस्से का छीन कर खाया हो…
भैया मोटापे के भी अनेक फायदे है।
आप अपनी बीवी के साथ निकलो किसी की मज़ाल नहीं कि बीवी को छेड़ सके।
आप पति कम बॉडीगार्ड ज्यादा नज़र आते है।
बीवी मोटी हो तो डर नहीं सताता कि उसका कही अफेयर होगा।
आप मोटे हो तो आपको ये बताने की जरुरत नहीं कि आपकी सैलेरी अच्छी है और आप खाते पीते घर से हो।
बेफिक्र होकर आप रक्तदान कर सकते साथ ही आपके शरीर में इतना खून होता है कि आप मच्छरों को भी भोजन करा सकते जो पतले लोगो के बस का नहीं,
वो तो 4 मच्छर को खून पिलाये तो उन्हें 2 बोतल खून चढ़ाना पड़ जाएगा…
पतले लोग मोटे लोगो पर तंज तो यूँ कसते है मानो धरती की आधी समस्यायों के लिए हम ही जिम्मेदार है। भाई मेरे, तुमने पतले होकर क्या तीर मार लिया…
कौन सा ओबामा तुम्हारे साथ बैठ कर तीन पत्ती खेलता है।
आप ही बताइये किस क्षेत्र में मोटे लोग नहीं है…
क्या हनी सिंह नुसरत फ़तेह अली खान से अच्छा गायक है,
क्या शिखर धवन सनथ जयसूर्या से अच्छे बल्लेबाज़ है,
क्या अनिल अम्बानी मुकेश अम्बानी व विजय माल्या से ज्यादा अमीर है
और
क्या मिथुन दा गणेश आचार्य से अच्छे डांसर है…बोलिये…???
अपने मोटापे पर शर्म नहीं गर्व कीजिये…
हमारे कारण ही बाबा रामदेव ने नाम कमाया है…
लोग मोटे ना होते तो वो योग किसे सिखाते…
राजपाल यादव को???
हम जैसे मोटे लोगों के कारण ही कितने डॉक्टर व जिम वालों की रोज़ी रोटी चल रही है।
माना हम तेज़ दौड़ नहीं सकते पर तेज़ दौड़ के हमें कौन सा काला धन लाना है।
मोटापा आपको अच्छी व गहरी नींद देता है…
बढ़ता मोटापा आपको हर महीने नए कपडे खरीदने का मौक़ा देता हैं।
अत: मोटापा श्राप नहीं वरदान है,
तोंद शर्म नहीं ईश्वर का प्रसाद है।
शर्माइये मत…
गर्व से कहिये हम मोटे हैं……
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