भारत और न्यूजीलैंड के बिच खेले गए 5 वें अंतराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच में ऐसा हुआ जो क्रिकेट के इतिहास में आज तक नही हुआ था। ये मैच किसी बड़े रिकॉर्ड बनने या टूटने के लिए नहीं बल्कि भारतीय टीम के जर्सी के लिए चर्चित रहा और हमेशा हमेशा के लिए इतिहास के पन्नो में छाप जमा गया।
आप को बता दें कि न्यूज़ीलैण्ड की टीम 3 टेस्ट और 5 एकदिवसीय मैच खेलने भारत आई हुई थी जिसमे न्यूजीलैंड की टीम टेस्ट श्रृंखला 3-0 से गवाने के बाद एकदिवसीय मैच में कुछ अच्छा प्रदर्शन कर रही थी। पाचवां और अंतिम मैच विशाखापट्नम में 29 अक्टूबर 2016 को खेलने से पहले दोनों टीमें 2-2 के बराबरी से चल रही थी।
श्रृंखला का अंतिम मैच 29 अक्टूबर 2016 को विशाखापट्नम (ACA-VDCA Stadium) पर खेला गया जहाँ भारत ने न्यूजीलैंड को 190 रनों से हराकर एकदिवसीय मैच की भी श्रृंखला जित कर भारतवासियों को दिवाली का तोहफा दिया।
जैसा की हम पहले भी बता रहे थे ये मैच रिकॉर्डों के लिए नहीं बल्कि भारतीय टीम के जर्सी के लिए अधिक चर्चित रहा। साधारणतः खिलाडी अपनी जर्सी के पीछे अपना फॅमिली नाम (सर नेम) लगवाते हैं पर इस मैच में सभी भारतीय खिलाड़ियों ने अपने माँ का नाम लिखवाया था।
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के जर्सी के पीछे धोनी ना लिखा कर उनके माँ का नाम देवकी लिखा था। इसी तरह बाकि खिलाडियों के जर्सी के पीछे उनके माँ का नाम लिखा था।
टॉस के दौरान रवि शास्त्री ने कप्तान धोनी से इसके बारे में जब पूछा तो उन्होंने बताया कि जिस तरह अपने काम का श्रेय फादर को मिलता है उसी प्रकार माँ को भी मिलना चाहिए।
इस इंटरव्यू को पूरा आप नीचे के वीडियो में देख सकते हैं।
Ravi Shastri : Special day today because you are wearing shirt with your mother’s name on it for the first time.
Mahendra Singh Dhoni : What’s important is the initiative to appreciate the contribution of mom. If you ask about me, I was always emotionally connected to mom, it’s not that dad was not there he was there, but it’s often we don’t appreciate the mother’s contribution the way we we have to do. It’s good that it has been put on the public platform but at the same time what I would request is it shouldn’t be like shoulder we often get patriotic on 26th January or 15th august . We should remember and thank them every day for what they have been doing and in the same way we need to appreciate the contribution of moms.
ये इस तरह का अनूठा प्रयास क्रिकेट के इतिहास में पहलीबार हुआ है। हलाकि इससे भी पहले कुछ देशों ने अपनी टीम की जर्सी का प्रयोग कई नेक कामों को प्रोत्साहन देने के लिए किया गया है। उदहारण के लिए साउथ अफ्रीका की टीम 2013 में जब साउथ अफ्रीका की जोहानसबर्ग में स्थित प्रसिद्ध वांडरर्स स्टेडियम में भारत के विरुद्ध पहला एकदिवसीय मैच खेली थी तो उन्होंने अपने परंपरागत ग्रीन रंग को छोड़ कर पिंक रंग चुना था ब्रैस्ट कैंसर के मरीजों को सपोर्ट करने के लिए।
टीम इंडिया के जर्सी में उनके खुद के नाम की जगह माँ की नाम लगाने का सुझाव स्टार इंडिया की नयी मुहीम “नयी सोंच” का नतीजा है जिसमे उन्होंने BCCI के साथ मिलकर इस मुहीम को अंजाम दिया।